Kabhi Kabhie
आती हैं तेरी याद हमको कभी कभी
होती हैं ख़्वाबों में भी मुलाकात कभी कभी
कुछ अपना होश रहता हैं न दुनिया का हमें
जब होती हैं आँखों से बरसात कभी कभी
होता तो होगा तुझे हमारी चाहत का एहसास
होता तो होगा दिल भी बेताब कभी कभी
यह अलग बात हैं मुझे आदत हैं मुस्कुराने की
गुज़र जाती हैं मगर आंसुओं में रात कभी कभी
किस कम्बक्त को ज़रुरत हैं तेरी तस्वीर की?
आंसुओं से बन जाती हैं तेरी तस्वीर कभी कभी
दुनिया कहने लगेगी काफिर हमें भी
तेरे ताखौल को किया हैं सजदा कभी कभी
न पा सकी वो सुकून-इ-दिल तेरे साथ भी
जो मिल जाता हैं तेरे बाद कभी कभी
लिख तो लेता हूँ मैं हाल-इ-दिल मगर फिर भी
होती हैं लफ़्ज़ों की करनी महसूस कभी कभी
होती हैं ख़्वाबों में भी मुलाकात कभी कभी
कुछ अपना होश रहता हैं न दुनिया का हमें
जब होती हैं आँखों से बरसात कभी कभी
होता तो होगा तुझे हमारी चाहत का एहसास
होता तो होगा दिल भी बेताब कभी कभी
यह अलग बात हैं मुझे आदत हैं मुस्कुराने की
गुज़र जाती हैं मगर आंसुओं में रात कभी कभी
किस कम्बक्त को ज़रुरत हैं तेरी तस्वीर की?
आंसुओं से बन जाती हैं तेरी तस्वीर कभी कभी
दुनिया कहने लगेगी काफिर हमें भी
तेरे ताखौल को किया हैं सजदा कभी कभी
न पा सकी वो सुकून-इ-दिल तेरे साथ भी
जो मिल जाता हैं तेरे बाद कभी कभी
लिख तो लेता हूँ मैं हाल-इ-दिल मगर फिर भी
होती हैं लफ़्ज़ों की करनी महसूस कभी कभी
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